1. ब्राह्मणों में सवर्ण विवाह का ही चलन था किंतु अनुलोम विवाह अज्ञात नहीं थे। 2. वर्णश्रम नियमों की सख्ती के बावजूद अनुलोम विवाह की सुविधा छोड़ रखी गई थी। 3. अनुलोम विवाह का सामान्य अर्थ है अपने वर्ण से निम्नत्तर वर्ण में विवाह करना।4. वर्णश्रम नियमों की सख्ती के बावजूद अनुलोम विवाह की सुविधा छोड़ रखी गई थी। 5. ब्राह्मणों में सवर्ण विवाह का ही चलन था किंतु अनुलोम विवाह अज्ञात नहीं थे। 6. वे अनुलोम विवाह (कन्या का विवाह उसके सामाजिक दर्जे से ऊँचे दर्जे में) करना पसन्द करते हैं। 7. अनुलोम विवाह के अर्थ में ' अनुलोम' एवं 'प्रतिलोम' शब्दों का व्यवहार वैदिक साहित्य में नहीं पाया जाता।8. वे अनुलोम विवाह (कन्या का विवाह उसके सामाजिक दर्जे से ऊँचे दर्जे में) करना पसन्द करते हैं। 9. इस सम्बन्ध में यह बताया गया है कि अनुलोम विवाह से वैवाहिक जीवन में कलह की स्थिति बनी रहती है। 10. इस सम्बन्ध में यह बताया गया है कि अनुलोम विवाह से वैवाहिक जीवन में कलह की स्थिति बनी रहती है।